Monday 23 December 2019

Equilibrium

एक गुस्से की उम्र कितनी होती है,
अधिकतम कितनी देर तक,
किया जा सकता है क्रोध,
लगातार कितना आक्रोशित रह सकते हैं आप,
कितनी देर तक खो सकते हैं,
अपना आपा, अपना बोध।
अगर नफरत की अग्नि का हो अभाव,
किसी बाहरी भड़कावे का न हो दबाव,
तो यकीन मानिए,
अधिक देर न टिक सकेंगे इस व्यवस्था में,
वापस लौट आयेंगे अपनी मूल अवस्था में,
जैसे अग्नि के अभाव में,
शीतलता में लौट आता है गरम जल,
जैसे दबाव के न होने पर,
पुनः शिथिल हो जाती है तनी रबर।
जैसे संसार की हरेक असंतुलित वस्तु,
चाहती है लौटना अपने Equilibrium में,
वैसे ही लौट आना चाहेंगे आप,
अपने स्वभाव में,
प्रेम में, सौहार्द में, अमन में।
हो सकता है आप,
अभी न समझ पाएं ये बात,
क्यूंकि अभी आप गुस्से में हैं,
और गुस्से में विवेक मर जाता है।।

- आदर्श जैन

शक्कर हैं!

बातें उसकी बात नही हैं, शक्कर हैं। सोच उसे जो गज़ल कही हैं, शक्कर हैं। बाकी दुनिया की सब यादें फीकी हैं, उसके संग जो याद रही हैं, शक्कर हैं।...