Thursday 1 April 2021

कोई जो देखता है...

 

कोई जो देखता है तो देखकर हैरां रह जाता है,

हर सम्त बरसता है बादल पर सहरा, रह जाता है,


क्या सारी शक्लें सारी सूरत इक जैसी होती हैं?

या बसकर इन आंखों में, तेरा चेहरा रह जाता है।


कोई बंदिश या पाबंदी  इश्क़ को  रोक नहीं पाती,

आशिक़ भाग ही जाते हैं अक्सर, पहरा रह जाता है।


अच्छा ही है कि छलक जाए नयनों तक आई पीड़ा,

क्यूंकि लहू बन जाता है आंसू, गर ठहरा रह जाता है।


होली में कोई पक्का रंग बहुत देर नहीं टिकता,

बस लाल गुलाल लगाया उनका गहरा रह जाता है।


- आदर्श जैन

शक्कर हैं!

बातें उसकी बात नही हैं, शक्कर हैं। सोच उसे जो गज़ल कही हैं, शक्कर हैं। बाकी दुनिया की सब यादें फीकी हैं, उसके संग जो याद रही हैं, शक्कर हैं।...