Wednesday, 13 December 2023

शक्कर हैं!

बातें उसकी बात नही हैं, शक्कर हैं।

सोच उसे जो गज़ल कही हैं, शक्कर हैं।


बाकी दुनिया की सब यादें फीकी हैं,

उसके संग जो याद रही हैं, शक्कर हैं।


नैनों से निकलीं और नदी खारी हैं,

हिज्र में जो भी झील बही हैं, शक्कर हैं।


रंजिश में जो ज़ख्म मिले, कड़वे हैं,

उलफ़त में जो चोट सही हैं, शक्कर हैं।


फिर खट्टे होकर सब लम्हें बीत गए,

उससे झगड़े साल यही हैं, शक्कर हैं।

- आदर्श जैन

शक्कर हैं!

बातें उसकी बात नही हैं, शक्कर हैं। सोच उसे जो गज़ल कही हैं, शक्कर हैं। बाकी दुनिया की सब यादें फीकी हैं, उसके संग जो याद रही हैं, शक्कर हैं।...