Saturday 25 August 2018

सच्चे प्यार की खोज


मनुष्य बड़ा गतिशील प्राणी है. स्थिरता इसकी प्रकृति के विरूद्ध है. इसके मन के समुन्दर में निरंतर कुछ "तूफानी" करने की हिलोरें उठती रहती हैं. इसी अधीरता ने मनुष्य को अलग-अलग कालखण्डों में कई अनसुलझी गुत्थियाँ सुलझाने का प्रयास करने के लिए प्रेरित किया है. एक समय था जब 'सत्य की खोज', 'स्वयं की खोज' जैसी चीजें चलन में थी, वर्तमान समय में 'सच्चे प्यार की खोज' ट्रेंड कर रही है.आज के युवा के विषय में बात करें तो वे अक्सर whatsapp, facebook और instagram जैसी प्रयोगशालाओं में इसी शोधकार्य में व्यस्त पाए जाते हैं. इस शोध में कुछ चौकानें वाले खुलासे भी सामने आये हैं, जिसमें 'मुरलीधर श्रीकृष्ण' का इतिहास के सबसे पहले "stud" के रूप में उभरकर आना प्रमुख हैं.
जिसप्रकार संसार की हर बड़ी चीज के कई प्रकार होते है, उसी आधार पर इन 'सच्चे प्यार के खोजकर्ताओं', का भी वर्गीकरण किया गया है. पहले वे हैं जो निजी जीवन में शून्यता से निर्मित नए शून्य को भरने के लिए इस क्षेत्र में हैं. ये वे लोग होते है जो 'patch-up' और 'breakup' के 'deadlock' में फसें हुए हैं और अंत में इस मोहजाल से ऊपर उठना ही इनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य बन गया है. शायद इसी प्रक्रिया को शास्त्रों में वैराग्य कहा गया है. दूसरा वर्ग कवियों, लेखकों और गायकों का है जो किसी प्रकार बस दिल तुड़वाने की कोशिश में लगे हुए हैं. इन्हें लगता है कि अच्छा कलाकार बनने के लिए दिल तुड़वाना उतना ही आवश्यक है जितना चाय बनाने के लिए चायपत्ती और सरकारी दफ्तरों में काम निकलवाने के लिए हरी पत्ती. हालांकि इस अनुभव से गुजरने के बाद कब कौन कलाकार देवदास में परिवर्तित हो जाये, कहना मुश्किल है. इनके अलावा एक वर्ग ऐसा भी है जो सिर्फ 'peer-pressure' की वजह से सच्चे प्यार की खोज में पूरी लगन, ईमानदारी एवं कर्मठता के साथ लगा हुआ है. मित्रों के जीवन में नए साथी के आ जाने के कारण उनकी इनके प्रति लगातार घटती प्राथमिकता इन्हें इस क्रिया के लिए मजबूर करती है. अक्सर ठुकराए जाने पर ये हीनता की भावना का शिकार हो जाते हैं और प्रतिशोध कि अग्नि में जलते रहते है जिससे उभरने का एक मात्र यही उपाय इन्हें नजर आता है. जो चौथे समूह के लोग हैं उन्हें वैज्ञानिक भाषा में 'vela' कहा जाता है. ये वे लोग है जिन्हे सच्चे प्यार की खोज शायद इसलिए है क्यूंकि उनके पास करने के लिए और कुछ नहीं है और किसी बुद्धिजीवी ने इन्हें बता दिए है कि ऐसा करना 'cool' होता है. इनके पास इतना खाली समय है कि ये अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा सही शिकार के चयन में ही लगा देते हैं बाकी का समय उसी शिकार को भेजे गए प्रेम सन्देश पर शायद कभी न आने वाली प्रतिक्रिया के इंतज़ार में.
इस मुहिम से जुड़े लोगों द्वारा की जा रही कठिन तपस्या का नतीजा जो भी निकले मगर इसमें सम्मलित लोगों की संख्या को देखते हुए इसे 'राष्ट्रीय रोजगार' कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी. हमारी राय अगर ली जाये तो आज के समय में सच्चे प्यार की कल्पना करना 'lays' के पैकेट से पेट भरने की उम्मीद करने जैसा है जिसमे चिप्स से अधिक हवा है. अब इसमें ये बताना कि यहाँ चिप्स का तात्पर्य प्यार से है और हवा का संकेत हवस की ओर है, पाठकों की समझदारी पर प्रश्नचिन्ह लगाने जैसा होगा.

 - आदर्श जैन
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Wednesday 1 August 2018

विज्ञापनों में समाचार


विज्ञापनों में समाचार

झूठ सच से अधिक असरदार हो जाये, तो कैसा हो,
अफवाहें ही ख़बरों का आधार हो जाये, तो कैसा हो,
समाचारों में विज्ञापन तो बहुत देखे होंगे,
सोचिये अगर, विज्ञापनों में समाचार हो जाये तो कैसा हो.
सोचिये अगर आप ख़बरों के लिए न्यूज़ चैनल खोलें,
और बड़े उत्साहित स्वर में उधर से कोई बोले,

नमस्कार, आभार , अभिनन्दन !
sponsored by बंदरछाप दंतमंजन,
विज्ञापनों की दुनिया में हम आपका भरपूर स्वागत है करते हैं,
और दुनियाभर के विज्ञापन सबसे पहले आप तक पहुंचाने का दम भरते हैं.

आज फिर पूरे दिन वही विज्ञापन आपको बार-बार दिखाए जाएंगे,
और ये बताते हुए हमें बेहद खेद है,
कि बीच-बीच में थोड़े बहुत समाचार भी आएँगे.

तो हमारे सभी विज्ञापन-प्रेमी दर्शक, थाम कर बैठें अपनी साँस,
पहली खबर is sponsored by पतंजलि आयुर्वेदिक च्यवनप्राश.

भारत के वीर जवानों ने सीमा पार जाकर, दुश्मनों को बुरी धोया,
और दिखाया अपने पराक्रम का करिश्मा,
इस धुलाई के प्रायोजक थे - Nirma
washing powder Nirma ,दूध-सी सफेदी निरमा से आये,
रंगीन कपडा भी खिल-खिल जाये.

Whatsapp नाम की विश्वसनीय पत्रिका में प्रकाशित एक शोध के अनुसार,
और ज्यादा नासूर होता जा रहा है अडवाणी जी का दर्द,
इतना कि शब्दों में कहा न जाये,
the दर्द is sponsored by Alpenliebe - जी ललचाये रहा ना जाये.

कांग्रेस के माननीय युवा नेता राहुल गाँधी ने अपनी माँ से पूछा,
विपक्षी नेता मुझे पप्पू क्यों बुलाते हैं , कारण बताइये?
माँ के जवाब के प्रायोजक हैं - मेन्टोस
Mentos  खाइये दिमाग की बत्ती जलाइए.

दिल्ली के मुख्यमंत्री और अपने ही बच्चों के बाप अरविन्द केजरीवाल ने,
फिर लगाए प्रधानसेवक पर गंभीर आरोप, कहा
"AG , OG , सुनोजी, मोदीजी ! आप अपनी सत्ता पर इतना ना गुरूर करो"
आरोपों के सह-प्रायोजक हैं - vicks
vicks की गोली खाओ खिचखिच दूर करो.

हमारे संवाददाता फलाना-ढिकाना ने अपनी जान पर खेलकर,
देश के प्रधानमंत्री से नोटेबंदी के कारणों पर सवाल किये और पूछा,
"क्या इस साहस भरे निर्णय के पीछे भी आपकी 56 इंच के छाती हैं ? ",
माननीय प्रधानमंत्री चुप रहे, उनकी चुप्पी के प्रायोजक हैं-
Center Fresh chewing gum - इसे खाने से ज़ुबान पे लगाम लग जाती है.

सूत्रों के हवाले से खबर आयी है कि the king of good times,
विजय माल्या को खुद नहीं थी अपने कर्जे की भनक,
उनकी वफ़ादारी is cosponsored by 'TATA' नमक- देश का नमक.

पिछले कई दिनों से वेंटीलेटर पर रखे रूपए की स्थिति और हुई कमजोर,
हालत बिगड़ने की आशंका पर अर्थशास्त्रियों ने कहा, "हाँ" ,
रूपए के स्वस्थ्य के सह प्रायोजक थे- lifebuoy
lifebuoy हैं जहाँ, तंदरूस्ती है वहाँ.

हमारी अगली बुलेटिन में भी समाचार sponsors की मिलीभगत से होंगे,
सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि,
आगे के विज्ञापनों में समाचार खेल जगत से होंगे.

बिरजू चायवाले की दुकान पर बैठे,
 क्रिकेट विशषज्ञों के विचार-विमर्श से निष्कर्ष निकला है कि,
Virat भैया का प्रदर्शन होता है खराब, जब-जब अनुष्का भाभी होती है आसपास,
इन नजदीकयों के sponsor थे, McDowells No.1,
असली यारी का No.1 अहसास.

भारत की पाकिस्तान पर धमाकेदार जीत पर,
भारत के कप्तान ने पाकिस्तान को सन्देश देते हुए कहा, "दूधो नहाओं, पूतो फलो",
इस आशीर्वाद के प्रायोजक थे - Lux Cozi
अपना लक पहन के चलो.

हम ह्रदय से आभार व्यक्त करते हैं, पान मसाला विमल का,
और अब वक़्त हो चला है, आज के राशिफल का.

स्वयं बेरोजगारी की मार से जूझ रहे, इंजीनियर से बाबा बने,
वशीकरण महाराज ने पंचमुखी रुद्राक्ष को बताया कालसर्प से बचने का उपाय,
और दावा किया कि इसने कई भक्तों के अँधेरे जीवन में किया है उजाला,
बाबा का अन्धविश्वास is sponsored by Dish TV,
इसको लगा डाला तो Life झिंगालाला.

विज्ञापनों के इस आयोजन की आखिरी रसम पर,
अब नज़र डालते हैं आज के मौसम पर.

उत्तर भारत में देरी से पहुँचने पर पूछे गए सवालों के जवाब में,
मानसून ने बड़ी बेरुखी से कहा कि,
"यार, मेरे घर से उत्तर भारत के बीच बहुत फासला है, "
मानसून के इस आलास के प्रायोजक हैं- Rupa Frontline,
ये आराम का मामला है.

आज के विज्ञापानों में इतना ही, इसके आगे ना हमसे कोई आस करें,
Sponsored by - घड़ी डिटर्जेंट, पहले इस्तेमाल करें फिर विशवास करें.


-आदर्श जैन

शक्कर हैं!

बातें उसकी बात नही हैं, शक्कर हैं। सोच उसे जो गज़ल कही हैं, शक्कर हैं। बाकी दुनिया की सब यादें फीकी हैं, उसके संग जो याद रही हैं, शक्कर हैं।...