Sunday, 29 October 2017

क्यों है..

गला रुंध है, आवाज़ भारी क्यों है ,
चेहरे पर ये लाचारी क्यों है ,

आँखो ने तो सबकुछ कर ही दिया बयाँ ,
फिर बातों में दुनियादारी क्यों है.

अब तो आकाश भी चूमता है निशाँ, उसके कदमों के,
फिर धरती पर वो बेचारी क्यों हैं .

सुना है हमारे सूरज का रुतबा है, आसमाँ में बहुत
फिर देश में इतनी बेरोज़गारी क्यों है .

अभी-अभी तो माँगी हैं, दुआएँ अमन की,
फिर ज़ंग की ये तैयारी क्यों है .

दुश्मन ही सूत्रधार हैं जब, साज़िश के मेरे क़त्ल की,
फिर दोस्त इतने आभारी क्यों हैं .

इन उपद्रवी परिंदों पर तो कोई जारी नहीं करता, फ़तवे,
फिर ज़िंदगी मुश्किल हमारी क्यों है .

-आदर्श जैन

Friday, 13 October 2017

मुझे ह्रदय से सुनना यारों, मैं ह्रदय देश का बोल रहा हूँ.

मैं अमरकंटक की पहाड़ी हूँ, खजुराहो का इतिहास भी हूँ,
ग्वालियर का राजसी रुतबा भी, और इंदौरी मिठास भी हूँ,
मैं जबलपुर की शीतलता हूँ और शान हूँ भोपाल की,
मैं पचमढ़ी की रमणीयता और नगरी हूँ महाकाल की,
मैं हूँ पन्ना का अनमोल रत्न और कान्हा का उद्यान भी,
मैं चित्रकूट की धर्मनगरी और ओंकारेश्वर का ध्यान भी,
मैं निर्मलता हूँ नर्मदा की और चंचलता हूँ चम्बल की,
देवता तक खाते सौगंध जिसके पवित्र पावन जल की,
मैं भेड़ाघाट का चमत्कार हूँ, भीमबेटिका की दीवार भी हूँ,
मैं साँची का पवित्र स्तूप और मंदसौर का प्यार भी हूँ.
संस्कृति के व्याकरण में, मैं मिश्री भाषा की घोल रहा हूँ,
मुझे ह्रदय से सुनना यारों, मैं ह्रदय देश का बोल रहा हूँ.

मैं कला- कौशल का पोषक हूँ, मैंने कई फनकारों को जन्म दिया है,
मेरे कई बेटों की प्रतिभाओं ने, मेरी माटी को धन्य किया है,
तानसेन का अमर संगीत और निदा फ़ाज़ली की ग़ज़ल हूँ मैं,
मैं चंद्रशेखर की आज़ादी हूँ और राजनीति का अटल हूँ मैं,
मैं स्वर कोकिला लता मंगेशकर हूँ, तो अभिनय का अशोक कुमार भी हूँ,
मैं शरद जोशी का हास्य-व्यंग्य, तो सत्यार्थी का नोबेल पुरूष्कार भी हूँ,
मैं तात्या टोपे का स्वतंत्रता संग्राम और अम्बेडकर का संविधान हूँ,
मैं अवन्ती बाई की वीर गाथा और रानी लक्ष्मी का स्वाभिमान हूँ,
सफलता के अमृत में, मैं रंग प्रतिभा के घोल रहा हूँ,
मुझे ह्रदय से सुनना यारों, मैं ह्रदय देश का बोल रहा हूँ.

-आदर्श जैन

शक्कर हैं!

बातें उसकी बात नही हैं, शक्कर हैं। सोच उसे जो गज़ल कही हैं, शक्कर हैं। बाकी दुनिया की सब यादें फीकी हैं, उसके संग जो याद रही हैं, शक्कर हैं।...