मात्र मुस्कुराकर मुश्किल सरल हो सकती है,
कीचड़ बीच भी ज़िंदगी, कमल हो सकती है,
बेशक रो लेना हालातों पर, मगर फिर सोचो,
उदासी भी क्या उदासी का हल हो सकती है।
हारकर बैठने से तो यकीनन, कुछ नहीं होगा,
कोशिश करके कोशिश, सफल हो सकती है।
संघर्ष के दिनों की तो, रातें भी गज़ब होती हैं,
इक नींद तक सपनों में, खलल हो सकती है।
कुछ भी कर लो चाहे, कुछ तो कहेगी दुनिया,
ख़बरदार ये दुनिया क्यूंकि, छल हो सकती है।
तुम ध्यान से सुनते रहे तो मैं भी सुनाता रहा,
मुझे लगा ही नहीं था कि गज़ल हो सकती है।
- आदर्श जैन
कीचड़ बीच भी ज़िंदगी, कमल हो सकती है,
बेशक रो लेना हालातों पर, मगर फिर सोचो,
उदासी भी क्या उदासी का हल हो सकती है।
हारकर बैठने से तो यकीनन, कुछ नहीं होगा,
कोशिश करके कोशिश, सफल हो सकती है।
संघर्ष के दिनों की तो, रातें भी गज़ब होती हैं,
इक नींद तक सपनों में, खलल हो सकती है।
कुछ भी कर लो चाहे, कुछ तो कहेगी दुनिया,
ख़बरदार ये दुनिया क्यूंकि, छल हो सकती है।
तुम ध्यान से सुनते रहे तो मैं भी सुनाता रहा,
मुझे लगा ही नहीं था कि गज़ल हो सकती है।
- आदर्श जैन
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