Wednesday 16 March 2022

...जो होना होता है

रह रहकर लगता हैजो  होता है,

वो कब होता है जो होना होता है,


हर इक बात पे नम होने वाली आँखें,

रोती नहीं अक्सर जब रोना होता है।


उल्लास समझ सकता है घर का आँगन,

दर्द समझने को इक कोना होता है।


क्या ज़ुल्म कि मुझको नींद नहीं आती,

तुमसे ख़्वाबों में मिलनेसोना होता है।


दूर वहाँ बादल में इक जादूगर है,

दुनिया क्या हैजादू टोना होता है  


दोस्तयही कुछ दस्तूर ज़माने का है,

कुछ पाना है तो कुछ खोना होता है। 


 - आदर्श जैन

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Saturday 1 January 2022

अजनबी से कोई...

अजनबी सी कोई एक धुन की तरफ,

सारे मानक ही हम तोड़कर चल दिए।


तितलियां क्यूं फिज़ा में ये उड़ने लगीं,

मन में कैसी तरंगे ये उठने लगीं,

ख्वाब किसका ये पलकों पे सजने लगा,

धड़कने दिल की किससे ये जुड़ने लगीं।


प्रश्न जो आज से हल नहीं हो सके,

कल पे फिर, उन्हें हम छोड़कर चल दिए।


फासला है मगर कोई दूरी नहीं,

बात करने को बातें भी ज़रूरी नहीं,

इक कहानी जो पूरी नहीं है मगर,

इक कहानी जो फिर भी अधूरी नहीं।


दो अलग जिंदगी, दो अलग रास्ते,

एक ही रंग को ओढ़कर चल दिए।


डूबती आस को फिर सतह मिल गई,

रोशनी को तिमिर में जगह मिल गई,

तर्क कितने ही शंका ने क्यूं ना दिए,

पर भरोसे को आखिर वजह मिल गई।


दूर होने के थे कई बहाने मगर,

टूटती प्रीत हम जोड़कर चल दिए। 


- आदर्श जैन


शक्कर हैं!

बातें उसकी बात नही हैं, शक्कर हैं। सोच उसे जो गज़ल कही हैं, शक्कर हैं। बाकी दुनिया की सब यादें फीकी हैं, उसके संग जो याद रही हैं, शक्कर हैं।...