Monday 1 April 2019

बस इज़हार नहीं करती..

सोचता था कि सोचती होगी वो भी, बस इज़हार नहीं करती,
शायद इसीलिए मेरी किसी गुस्ताख़ी से इनकार नहीं करती,

फिर जब बताया उसे हाल-ए-दिल अपना, तो उसने ये कहा,
कि तुम्हें पसंद तो करती हूँ मैं बहुत, मगर प्यार नहीं करती.

ये तजुर्बा है इश्क़ के रोग का जो बताया है हमें मरीजों ने,
कि इश्क़ साला बीमारी ही ऐसी है जो बीमार नहीं करती.

सोचती हो बिछड़कर, कि जीना मुहाल होगा मेरा, तो सुन लो ,
कि धड़कती हो तुम अब भी दिल में, पर झंकार नहीं करती.

बस इस एक धुरी पर झूलती रहीं जनता की तमाम उम्मीदें,
सरकार कहती रही वो नहीं करते, वो कहते रहे सरकार नहीं करती.
 
-आदर्श जैन 

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