Friday 29 March 2019

लड़कियाँ

अधूरे किस्सों की मुकम्मल कहानी होती हैं लड़कियाँ,
छोटी उम्र में भी, बड़ी सयानी, होती हैं लड़कियाँ.

इज़हार दिल का, आँखों तक से छिपा लेती हैं,
इश्क़ में कितनी दीवानी, होती हैं लड़कियाँ.

जानकर अंजाम भी, फँस जाती हैं जाल में,
किसी मासूम कबूतर की नादानी, होती हैं लड़कियाँ.

होती हैं जब नाराज़, तो कड़कती हैं बिजली सी,
हँसती हैं तो बारिश का पानी, होती हैं लड़कियाँ.

वैसे तो होती हैं गंभीर, किसी समंदर सी वो,
और ऐसे दरिया की मस्त रवानी, होती हैं लड़कियाँ.

माँ, बहन, बेटी, प्रेयसी, पत्नी और जाने क्या क्या,
एक ही ज़िन्दगी में कई ज़िंदगानी, होती हैं लड़कियाँ

- आदर्श जैन

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