Sunday 1 September 2019

चार लोग

कहीं दूर देश चला गया है,
या फिर रब से ही राब्ता हो गया है,
'चार लोग क्या कहेंगे' की टोली का एक सदस्य,
आज अचानक ही लापता हो गया है।
उसे ढूंढने की खातिर बाकी 'तीन' लोगों ने,
मदद के लिए हाथ उठाए हैं,
और उसकी सभी विशेषताओं के साथ,
उसके पोस्टर पूरे शहर में लगवाए हैं।
तो चलिए इस मुहिम में,
मैं भी अपना फर्ज़ निभाता हूं,
उसकी कुछ शारीरिक एवं चारित्रिक विशेषताएं,
आपको भी बताता हूं।

वो आते जाते लोगों से अक्सर,
फिजूल सवाल करता है,
दिखने में सामान्य है,
पर कई दफा रंग बदलता है।
आंख- कान बिल्कुल चौकन्ने,
और नाक औसत से बड़ी है,
वो बेवजह समय पूछ लेता है,
भले उसके हाथ में भी घड़ी है।
उंगलियां थोड़ी लम्बी हैं,
शायद आपने भी पहचानी हों,
दूसरों की ज़िंदगी में ताकि,
हस्तक्षेप करने में आसानी हो।
अंदर से बेहद चंट है,
मगर दिखने में भोला होगा,
साधारण आंखों से नहीं दिखेगा
पर कांधे पे उसके झोला होगा।
उस झोले में उसने,
कई किताबें भर रखीं हैं,
दुनियाभर के लोगों की उनमें,
'चुगलियां' जमा कर रखीं हैं।
वो भोजन नहीं करता,
बस बातों से ही पेट भर लेता है।
खबरदार रहें,
क्यूंकि किसी भी अंजान व्यक्ति से वो,
किसी की भी चुगली कर देता है।
जैसे,
"फलाने घर में प्रॉपर्टी को लेकर,
दोनों भाइयों में ही टक्कर है,
पता है वो पड़ोस वाली बिजली का,
उस बादल के साथ चक्कर है।
देखा वो कॉलोनी की नई लड़की के,
कपड़े कितने छोटे हैं।
सुना है वो धनीराम ब्याज में डूबा है,
अरे, उसके तो धंधे ही खोटे हैं।
और वो भागचंद का भी,
तो नया धंधा नहीं चला,
अब तुम्हीं बताओ यार,
'मॉडलिंग' भी कोई पेशा है भला।
जब से संतोष की शादी हुई है,
उसके घर में ही रहता उसका साला है,
मुझे तो लगता है यार,
कि दाल में ही कुछ काला है।
अरे एक वो शर्माजी का बेटा है,
जो अमेरिका में नौकरी करता है,
एक अपने वर्माजी का पप्पू है,
जो घर में ही खर्राटे भरता है,
सुना है कि कमलेश 'ड्रग्स' बेचता है,
तभी पुलिस को उसकी तलाश रहती है,
'26' की हो गई है चौबेजी की 'कम्मो',
बताओ अब तक घर में बैठी है।"

इस तरह के किसी व्यक्ति से अगर आप,
बस, ट्रेन या किसी सार्वजनिक स्थान पर मिल जाएं,
तो कृपया करके हमें ना बताएं।
आप चार दूसरे लोगों को बताएं,
वे और चार लोगों को बताएंगे,
बस इसी तरीके से हम,
उसका पता जानना चाहेंगे।

हमारी मदद करने वालों का,
'अखिल विश्व चार लोग क्या कहेंगे महासंघ' द्वारा,
एक इंटरव्यू लिया जाएगा,
और जिसकी भी चुगलियों में दम होगा,
उसे इस समिति में शामिल होने का,
एक मौका दिया जाएगा।
तो आप भी शुरू कर दीजिए उसे ढूंढ़ना,
हो सकता है आपकी तकदीर में ही,
कोई कमल खिल जाए,
और ऐसे ख्यातिप्राप्त संस्थान में,
शामिल होने का सुनहरा मौका,
क्या पता आपको ही मिल जाए।

- आदर्श जैन

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